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Bollywood Movies with Same Title : वैसे तो बॉलीवुड में हर फिल्म का टाइटल और उसकी कहानी अनोखी होती है. हर डायरेक्टर-प्रोड्यूसर बिल्कुल अलग नाम से फिल्म बनाने हैं. फिर भी कई बार सुपरहिट-ब्लॉकबस्टर फिल्मों से मिलते-जुलते या सेम टाइटल से भी फिल्म बनाने का जोखिम कई डायरेक्टर-प्रोड्यूसर उठाते हैं. 21 साल में सेम टाइटल से दो फिल्में बनाई गईं. एक फिल्म जहां ब्लॉकबस्टर निकली, वहीं दूसरी फिल्म सुपरफ्लॉप साबित हुई. एक फिल्म ने मां ने काम किया तो दूसरे में उसके सौतेले बेटे ने लीड एक्टर का रोल निभाया. ये फिल्में कौन सी थीं, आइये जानते हैं….
सच ही कहा गया है कि हर फिल्म की एक डेस्टिनी होती है. 80 के दशक में एक्टर-डायरेक्टर ने दिलीप कुमार के साथ फिल्म बनाना चाहते थे. प्रोड्यूसर-डिस्ट्रीब्यूटर्स ने जब दिलीप कुमार का नाम सुना तो हाथ खींच लिए. बार-बार कहा कि दिलीप कुमार का मार्केट डाउन है, यह फिल्म मत बनाइए लेकिन डायरेक्टर नहीं माना. अपना घर भेज दिया. अपना प्लॉट भेज दिया. फिल्म जब रिलीज हुई तो इतिहास रच दिया. यह फिल्म 80 के दशक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक है. इस मूवी ने 1975 की आई फिल्म शोले की कमाई का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया. आगे चलकर इसी नाम से 2002 में एक और फिल्म बनाई गई लेकिन यह मूवी सुपरफ्लॉप साबित हुई थी. ये फिल्म थी : क्रांति, जिसे 21 साल के अंतराल में दो बार बनाया गया.

रोटी कपड़ा और मकान के बाद 1976 में मनोज कुमार ने देश प्रेम से ओत-प्रेत एक मल्टी स्टारत फिल्म प्लान की थी. अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी-राजेश खन्ना, शशि कपूर-जीनत अमान, ऋषि कपूर और शत्रुघ्न सिन्हा के साथ यह फिल्म बनाई जानी थी. यह फिल्म शुरू ही नहीं हो पाई. फिर कहानी में बदलाव के साथ मनोज कुमार ने नए सिरे से एक फिल्म प्लान की थी. सलीम-जावेद को साथ में लेखर स्क्रिप्ट लिखवाई. फिल्म का नाम था : क्रांति. वैसे तो सलीम-जावेद अपनी स्क्रिप्ट में कोई बदलाव नहीं करने देते थे. यह पहला मौका था जब स्क्रिप्ट में मनोज कुमार ने अपने हिसाब से कई बदलाव किए और सलीम-जावेद ने कोई आपत्ति नहीं जताई. क्रांति फिल्म 1981 की ब्लॉकबस्टर फिल्म साबित हुई थी. इसी नाम से 2002 में बॉबी देओल की फिल्म सुपरफ्लॉप साबित हुई थी.

6 फरवरी 1981 को रिलीज हुई क्रांति में मनोज कुमार, दिलीप कुमार, शशि कपूर, शत्रुघ्न सिन्हा, हेमा मालिनी और परवीन बॉबी नजर आए थे. स्क्रिप्ट सलीम-जावेद ने लिखी थी. डायलॉग मनोज कुमार ने लिखे थे. म्यूजिक लक्ष्मीकांत प्यारेलाल का था. फिल्म का म्यूजिक सुपरहिट था. फिल्म के गाने ‘जिंदगी की ना टूटे लड़ी, प्यार कर ले घड़ी तो घड़ी’ और ‘चना जोर गरम’, ‘मारा ठुमका बदल गई चाल मितवा’ बहुत पॉप्युलर हुए थे. इस फिल्म से दिलीप कुमार की पर्दे पर दोबारा वापसी हुई थी. इससे पहले उनकी कई फिल्में बैक टू बैक फ्लॉप हुई थीं.
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जब पूरब-पश्चिम फिल्म में सायरा बानो को मनोज कुमार ने साइन किया तभी उन्होंने दिलीप कुमार के साथ काम करने का वादा किया था. जब ‘क्रांति’ फिल्म की स्क्रिप्ट-स्टार कास्ट फाइनल हुई और प्रोड्यूसर-डिस्ट्रीब्यूटर्स को पता चला कि फिल्म में दिलीप कुमार हैं तो उन्होंने अपने हाथ पीछे खींच लिए. मनोज कुमार ने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने दिल्ली का अपना मकान बेंच दिया. मुंबई का एक प्लॉट भी बेच दिया. 3 करोड़ के बजट में यह फिल्म बनाई जो कि उस समय की सबसे महंगी फिल्म थी.

मनोज कुमार सही साबित हुई. फिल्म के गाने-कहानी सब कुछ सुपरहिट निकले. फिल्म ने 16 करोड़ का वर्ल्डवाइड कलेक्शन करके सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए. क्रांति फिल्म ने 1975 में आई ‘शोले’ फिल्म की 15 करोड़ की कमाई का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया. फिल्म से जुड़ा एक मजेदार किस्सा यह भी है कि सलीम-जावेद ने क्रांति फिल्म की रिलीज से एक हफ्ते पहले एक फिल्म मैगजीन में लिखवा दिया कि फिल्म में उन्होंने काम नहीं किया. जो कुछ किया है, वो मनोज कुमार ने किया है. ऐसे में मनोज कुमार ने उन्हें फोन किया और मजाक में कहा कि जो पैसा दिया है, वो मुझे वापस दे दो.

मनोज कुमार ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘कहानी का जब आइडिया बन गया तो मैंने दिलीप साहब को फोन किया. वो मेरे लिए इतने महान हैं कि उन्हें किसी नाम से नहीं पुकारता. मैं उन्हें हां जी बोलता हूं. मैंने क्रांति के लिए उनसे कहा कि बहुत बोगस की कहानी है, बोगस सा रोल है, मेरे ख्याल से आप उसके लिए फिट हैं. जब कहानी तैयार हो गई तो मैं उनके पास पहुंचा. चाय पी. घर परिवार के बारे में उन्होंने पूछा. मैं उनके बारे में बहुत करीब था. मैंने कहानी सुनने के अनुरोध किया तो वो बोले कि आज मुश्किल है. मेरे बड़े भाई नूर की तबीयत खराब है. मैंने कहा कि जिस कहानी को सुनाने में तीन घंटे लगें वो कहानी नहीं होती. कहानी वो है जो दो-तीन मिनट में सुनाई जाए. मैंने कहानी सुनाई. उन्होंने कहा कि जमीन अच्छी है. मैंने कहा कि आप हल चलाएंगे तो खेती भी अच्छी होगी. मैंने उनके साथ दो फिल्में की हैं. वो 11 बजे सेट पर आ जाया करते थे. उन्होंने मुझे कभी परेशान नहीं किया. प्यार-मुहब्बत से फिल्म बनी.’

क्रांति फिल्म ब्लॉकबस्टर क्यों हुई, इस पर मनोज कुमार ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘लोगों को पता चला कि अंग्रेजों ने हम पर कितना जुल्म किया. फिल्म की कहानी में अगर आदमी आइडेंटिफिकेशन देख ले और उसकी रवानी का प्रजेंटेशन ठीक हो तो, इमोशंस हो, म्यूजिक हो तो फिल्म हिट हो जाएगी. क्रांति अपने जमाने की बहुत बड़ी हिट थी. यह दिलीप कुमार साहब की सेकंड इनिंग थी. क्रांति की खास बात उसके गाने और देशवासियों को याद दिलाना कि हम पर भूतकाल में क्या-क्या जुल्म हुए. अच्छी तरह इमोशनली बताए गए.’

सच ही कहा गया है कि हर फिल्म की एक डेस्टिनी होती है. 80 के दशक में एक्टर-डायरेक्टर ने दिलीप कुमार के साथ फिल्म बनाना चाहते थे. प्रोड्यूसर-डिस्ट्रीब्यूटर्स ने जब दिलीप कुमार का नाम सुना तो हाथ खींच लिए. बार-बार कहा कि दिलीप कुमार का मार्केट डाउन है, यह फिल्म मत बनाइए लेकिन डायरेक्टर नहीं माना. अपना घर भेज दिया. अपना प्लॉट भेज दिया. फिल्म जब रिलीज हुई तो इतिहास रच दिया. यह फिल्म 80 के दशक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक है. इस मूवी ने 1975 की आई फिल्म शोले की कमाई का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया. आगे चलकर इसी नाम से 2002 में एक और फिल्म बनाई गई लेकिन यह मूवी सुपरफ्लॉप साबित हुई थी. ये फिल्म थी : क्रांति, जिसे 21 साल के अंतराल में दो बार बनाया गया.

दिलचस्प बात यह है कि क्रांति नाम से 2002 में एक और फिल्म आई थी. विनोद खन्ना, बॉबी देओल, अमीषा पटेल, रति अग्निहोत्री और राकेश बेदी लीड रोल में थे. नरेश मल्होत्रा ने फिल्म का डायरेक्शन किया था. विवेक कुमार प्रोड्यूसर थे. यह फिल्म 8 मार्च 2002 को सिनेमाघरों में आई थी. म्यूजिक जतिन ललित का था. गीतकार आनंद बख्शी थे. फिल्म का एक गाना ‘दिल में दर्द सा जगा है, कांटा सा कोई चुभा है’ पॉप्युलर हुआ था. विनोद खन्ना 1981 की मनोज कुमार की फिल्म में काम नहीं कर पाए थे. उस समय वो बॉलीवुड छोड़कर ओशो की शरण में चले गए थे. 2002 की क्रांति में विनोद खन्ना ही बॉबी देओल के साथ थे. एक और मजेदार तथ्य है कि 1981 की क्रांति फिल्म में जहां हेमा मालिनी के काम की बड़ी तारीफ हुई थी, वहीं 2002 में उनके सौतेल बेटे बॉबी देओल ने काम किया था. 9 करोड़ के बजट में बनी यह फिल्म सिर्फ 11 करोड़ की कमाई कर पाई थी. यह एक फ्लॉप फिल्म साबित हुई थी.
