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Bollywood Classic Movie : हिंदी सिनेम के इतिहास में कुछ फिल्में ऐसी भी आईं जो हमेशा के लिए दर्शकों के जेहन में घर कर गईं. जिन्हें बार-बार देखा गया. कहानी-डायलॉग में इतनी गहराई थी कि हर किसी का अर्थ दर्शकों ने अपने-अपने हिसाब से निकाला. दिलचस्प बात यह है कि ये फिल्में जब रिलीज हुईं तब सिनेमाघरों में इन्हें बहुत ज्यादा दर्शक नहीं मिले. समय के साथ-साथ इन फिल्मों के प्रति लोगों में क्रेज बढ़ा. इन फिल्मों की गहराई को लोगों ने समझा. 44 साल पहले ऐसी ही एक फिल्म आई थी जिसने बेस्ट फिल्म फेयर का अवॉर्ड भी जीता था. आज यह फिल्म मास्टरपीस मानी जाती है.
बॉलीवुड की कुछ फिल्में ऐसी हैं जो हिंदी सिनेमा में मास्टरपीस मानी जाती है. 24 जुलाई 1981 को रिलीज हुई कलयुग एक क्राइम ड्रामा फिल्म थी जिसका निर्देशन श्याम बेनेगल ने किया था. शशि कपूर प्रोड्यूसर थे. शशि कपूर ने कॉमर्शियल फिल्मों करके पैसा कमाया और कई आर्ट फिल्में बनाईं. इन्हीं में से एक है कलयुग जिसे बॉलीवुड की कल्ट क्लासिक फिल्म माना जाता है. यह फिल्म आधुनिक समय की महाभारत कही जाती है. कहानी महाभारत से ली है लेकिन उसका बैकग्राउंड कॉर्पोरेट रखा गया है. कॉर्पोरेट घरानों के बीच की कहानी को महाभारत जैसा दिखाया गया है. एक घराना पांडव जैसा है तो दूसरा कौरवों जैसा है.

कलयुग फिल्म में शशि कपूर के अलावा, रेखा, राज बब्बर, अनंत नाग, विक्टर बनर्जी, कुलभूषण खरबंदा, रीमा लागू, सुप्रिया पाठक, एके हंगल, सुष्मा सेठ, ओम पुरी, आकाश खुराना जैसे सितारे नजर आए थे. फिल्म में म्यूजिक बनराज भाटिया का था. कलयुग फिल्म को 3 फिल्म फेयर अवॉर्ड मिले थे. बेस्ट फिल्म का फिल्म फेयर अवॉर्ड शशि कपूर को, बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवॉर्ड सुप्रिया पाठक और बेस्ट साउंड डिजाइन का अवॉर्ड हितेंद्र घोष को मिला था. श्याम बेनेगल को बेस्ट डायरेक्टर और श्याम बेनेगल-गिरीश कर्नाड को बेस्ट स्टोरी का फिल्म फेयर नॉमिनेशन मिला था.

फिल्म की कहानी एक कॉन्ट्रैक्ट से शुरू होती है. एक परिवार को मिलता है जबकि दूसरे से यह कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिलता. फिर दोनों परिवारों के बीच षड़यंत्रों का दौर शुरू होता है. बात हत्या तक पहुंच जाती है. कलयुग फिल्म की कहानी महाभारत से ली गई है. महाभारत से ही मिलते-जुलते पात्र फिल्म में दिखाई देते हैं. वैसे तो महाभारत जैसे महाकाव्य को ढाई घंटे की फिल्म में बांध पाना संभव नहीं है, फिर भी फिल्म के तीन राइटर श्याम बेनेगल, सत्यदेव दुबे और गिरीश कर्नाड ने बहुत ही शानदार कोशिश की है. फिल्म की कहानी को महाभारत के जैसे एक्सप्लेन कर पाना संभव नहीं है, इसमें बहुत से कैरेक्टर हैं.
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फिल्म की कहानी दो परिवार से शुरू होती है. रामचंद और भीष्मचंद दो भाई हैं. दोनों का बहुत बड़ा बिजनेस है. भीष्मचंद (एके हंगल) ने पूरी जिंदगी ब्रह्मचर्य रहने की कसम खा रही है लेकिन वो रामचंद के निधन के बाद उनके दोनों बेटे की जिम्मेदारी भी उठाते हैं. रामचंद के दो बेटे हैं : खूबचंद और पूरनचंद. खूबचंद के दो बेटे हैं : धनराज (विक्टर बनर्जी) और संदीप राज (आकाश खुराना). पूरनचंद की कुछ साल पहले मौत हो चुकी थी. उसके तीन बेटे हैं : धर्मराज (राज बब्बर), बलराज (कुलभूषण खरबंदा) और भरतराज (अनंत नाग). फिल्म में दिखाया जाता है कि कैसे दोनों परिवारों के बीच टेंडर लेने, बिजनेस फैलाने को लेकर आपसी लड़ाई शुरू हो जाती है. भीष्मचंद की काफी कोशिशों के बावजूद उनके बीच मनमुटाव दूर नहीं होते. धनराज के आदमी गलती से बलराज के नौजवान बेटे की हत्या कर देते हैं. बदला लेने के लिए भरतराज कर्ण सिंह (शशि कपूर) की हत्या कर देते हैं.

फिल में धनराज का रोल विक्टर बनर्जी ने निभाया है जो कि दुर्योधन से मिलता-जुलता है. संदीप राज (आकाश खुराना) का रोल दुशासन जैसा दिखाई देता है. वहीं धर्मराज (राज बब्बर) का रोल युधिष्ठर से इंस्पायर्ड है. बलराज (कुलभूषण खरबंदा) का रोल भीम से प्रेरित है. भरतराज (अनंत नाग) का किरदार महाभारत के अर्जुन से लिया गया है.

फिल्म में सुष्मा सेठ का किरदार पांडवों की माता कुंती से इंस्पायर्ड है. एके हंगल का भीष्म पितामह जैसा किरदार निभाते नजर आते हैं. रेखा का किरदार द्रोपदी से मिलता जुलता है, जिसकी शादी धर्मराज (राज बब्बर) से होती है लेकिन वो भरत राज (अनंत नाग) की ओर आकर्षित है.

फिल्म में शशि कपूर का नाम करण सिंह है. उनका किरदार महाभारत के कर्ण जैसा ही है. फिल्म में सुष्मा सेठ उन्हें अपना बेटा कहकर पुकारती है. वो कहती हैं कि तुम मेरे बेटे हो. फिल्म में अमरीश पुरी का भी एक पावरफुल रोल हमें देखने को मिलता है जो कि भगवान कृष्ण से इंस्पायर्ड है. फिल्म में उनके कैरेक्टर का नाम कृष्ण चंद है.

इन सबके अलावा, फिल्म के कुछ ऐसे सीक्रेट बाहर आते हैं, जिससे बदले की भावना और भी बढ़ जाती है. फिल्म में एक जगह पर रेखा कहती हैं कि शशि कपूर मुझसे शादी करना चाहते थे. शशि कपूर को पता चलता है कि वो राज बब्बर का बड़ा भाई है. फिल्म का एक-एक सीन बहुत मेहनत से लिखा गया है. पहले सीन से ही फिल्म दर्शक को बांध लेती है. फिल्म के कई सीन शरीर में सिहरन पैदा कर देते हैं.

आगे चलकर 2005 में कलयुग नाम की एक और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर आई थी जिसका डायरेक्शन मोहित सूरी ने किया था. इस मूवी में कुणाल खेमू, इमरान हाशमी, स्माइल सूरी, दीपल शॉ, अमृता सिंह और आशुतोष राणा लीड रोल में नजर आए थे. महेश भट्ट फिल्म के प्रोड्यूसर थे. पहले इस मूवी का टाइटल ब्लू फिल्म था जिसे बदलकर ‘कलयुग’ किया गया था. म्यूजिक अनु मलिक का था. यह एक एक्शन थ्रिलर फिल्म थी. 4 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने 10 करोड़ का कलेक्शन किया था. यह एक सेमी हिट फिल्म साबित हुई थी.
