Guru Purnima 2022 तिथि का समय और अन्य महत्वपूर्ण विवरण: Hatinder Shastri ji

Guru Purnima 2022 तिथि का समय और अन्य महत्वपूर्ण विवरण: Hatinder Shastri ji

Guru Purnima 2022 : गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुओं और माता-पिता की पूजा करने की परंपरा है। शास्त्रों में भी गुरु और माता-पिता को भगवान से ऊपर का दर्जा दिया गया है। ऐसे में गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरुओं और बड़ों का आशीर्वाद लेना परम सौभाग्य की बात है। गुरुओं का स्थान ईश्वर से ऊपर बताया गया है। गुरुब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर:। गुरुर्साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:। इस बार गुरु पूर्णिमा का उत्सव 13 जुलाई को मनाया जा रहा है। 

इस उत्सव को लेकर के मंदिरों में तैयारियां जोरो शोरो से जारी है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस समय साल का चौथा महीना यानी आषाढ़ का माह चल रहा है। प्रत्येक माह का धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष महत्व होता है। हर माह में पूर्णिमा आती है, लेकिन आषाढ़ की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इसे व्यास पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है।

माता-पिता ही प्रथम गुरु व सर्वोत्तम तीर्थ

माता-पिताकी सेवा ईश्वर की सेवा के समान है। माता-पिता की सेवा करने से सच्चे सुख की प्राप्ति होती है। जीवन में खुशहाली लाने के लिए उनके साथ सदैव प्रेमपूर्वक व्यवहार करना चाहिए। हमारे पहले गुरू माता-पिता होते हैं। मनुष्य का जैसा रिश्ता माता-पिता से होता है, वैसा ही गुरू से होना चाहिए।  गुरू के साथ-साथ अपने माता-पिता की भी सेवा करनी चाहिए। समाज सेवी बनने से पूर्व घर में परिवार के सदस्यों का सम्मान करना चाहिए।  

गुरु पूर्णिमा का मुहूर्त

गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई को सुबह करीब चार बजे से प्रारंभ होकर अगले दिन यानी गुरुवार, 14 जुलाई को देर रात 12 बजकर 06 मिनट पर समाप्त होगी। लगभग 20 घंटे छह मिनट तक गुरु पूर्णिमा का शुभ मुहुर्त है।

 प्रणाम कर आशीर्वाद लें

 गुरु पूर्णिमा के दिन भक्त सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद पूजा की तैयारियां शुरू करें। सुबह सुबह की भागदौड़ से बचने के लिए आप पूजा की सामग्री जैसे फूल-माला, तांबूल, श्रीफल व अन्य चीजों का प्रबंध एक दिन पहले ही कर लें, ताकि आपको सुबह-सुबह पूजा करने में दिक्कत न हो। अब अपने गुरु के स्थान पर जाएं और उनके चरणों को धोकर उनकी पूजा करें प्रणाम कर आशीर्वाद प्राप्त करें।

गायत्री मंत्र का जप विशेष फलदायक 

 गायत्री चारों वेदों में पाया जाने वाला एक महामंत्र है। इस महामंत्र की प्रेरणा केवल इतनी है कि बुद्धि को शुद्ध रखा जाए। यदि मनुष्य की बुद्धि विकृत हो जाती है तो संकट एवं विपदाएं उसे घेर लेती हैं। गायत्री मंत्र के जाप से मन एवं बुद्धि पर नियंत्रण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गायत्री मंत्र में 24 अकसर हैं। प्रत्येक अक्सर में एक-एक देवी देवता एवं उनके अवतारों का सार है। इसके उच्चारण मात्र से ही जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। 

 गरीबों की मदद कर पुण्य कमाएं

गुरु पूर्णिमा के दिन दान करना बहुत शुभ होता है, लेकिन कुछ लोग घर आए भिक्षु तक को खाली हाथ लौटाने की भूल करते हैं।  आप इस दिन गरीबों या जरूरतमंदों की मदद करके दोगुने पुण्य कमा सकते हैं। साथ ही घर आने वाले भिक्षु को कुछ न कुछ दान जरूर दें।

 किसी बुजुर्ग या स्त्री का भूलकर भी अपमान न करें

स्वामी विवेक भारती महाराज, महासाध्वी वीणा महाराज, शून्य प्रभु, महासाध्वी स्वाति महाराज ने कहा कि पूर्णिमा के दिन माता पिता, किसी बुजुर्ग या स्त्री का अपमान भूलकर भी नहीं करना चाहिए। दरअसल, गुरु पूर्णिमा अपने से बड़ों को सम्मान करने की सीख देती है, लेकिन इस दिन ही क्या सामान्य जीवन में भी बुजुर्गों का अपमान करने का रवैया आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

 गुरु पूर्णिमा पर ग्रह-नक्षत्रों के संयोग से चार राजयोग: Hatinder Shastri

 इस साल गुरु पूर्णिमा इसलिए भी खास है, क्योंकि इस दिन चार राज योग बन रहे हैं। इस दिन गुरु, मंगल, बुध और शनि शुभ स्थिति में रहेंगे। ग्रहों की विशेष स्थिति से रुचक, हंस, शश और भद्र योग का निर्माण होगा। इतना ही नहीं, इस दिन बुधादित्य योग का भी निर्माण होगा। यही वजह है कि गुरु पूर्णिमा इस साल ज्यादा खास मानी जा रही है।

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